Scenario:चार दोस्त — समर, रवि, नील और आकाश, कॉलेज के आखिरी दिनों में कुछ अलग और दिल दहला देने वाला करना चाहते थे।
इनमें सबसे साहसी था समर, जिसे डर जैसी चीज़ पर विश्वास ही नहीं था। रवि उसका बचपन का दोस्त था, मजाकिया लेकिन तर्कशील।
नील थोड़ा शांत स्वभाव का था, लेकिन रहस्यों से आकर्षित होता था। और आकाश? वह सबसे डरा हुआ, लेकिन अपने दोस्तों के साथ किसी भी पागलपन में कूदने को तैयार।
एक दिन इंस्टाग्राम पर उन्हें एक "चैलेंज वीडियो" मिला।
किसी ने "विजयवाड़ा की परित्यक्त हवेली" में रात बिताने की चुनौती दी थी।
कहा जाता था कि वहाँ कई लोगों की मौतें हुई थीं—कुछ की आत्महत्याएं, कुछ रहस्यमयी गुमशुदगियाँ।
🎯 चुनौती स्वीकार
“चलो, एक रात वहाँ बिताकर वीडियो बनाते हैं,” समर ने कहा, “देखते हैं डर किसमें है।”
बाकी तीनों हँस दिए, लेकिन मन में एक हल्की बेचैनी जरूर थी।
25 जून की रात, वे अपनी गाड़ी से हवेली पहुँचे। हवेली शहर से दूर, एक सुनसान खेतों के बीच स्थित थी।
🏚️ हवेली का पहला दृश्य
जैसे ही चारों ने हवेली की लोहे की कंटीली दरवाज़ी खोली,
एक तेज़ ठंडी हवा का झोंका आया,
और उसके साथ-साथ एक मद्धम सी सिसकी, जो शायद हवा की आवाज़ भी हो सकती थी… या नहीं।
हवेली दो मंजिला थी, दीवारों पर काई जमी थी, और हर कोना जैसे किसी छुपे हुए रहस्य को दबाए बैठा था।
कहीं दीवार पर खून के धब्बे, कहीं उलटे लटके चित्र, और बीच में एक पुराना झूला, जो बिना हवा के भी हिल रहा था।
नील ने मोबाइल से रिकॉर्डिंग चालू की और बोला,
“अगर कोई आत्मा है, तो सामने आओ।”
कुछ सेकंड्स तक सन्नाटा छाया रहा। फिर झूले की आवाज़ और तेज़ हो गई…
⏳ आधी रात – 2:17 AM
समर और नील नीचे के हॉल में वीडियो बना रहे थे।
रवि और आकाश ऊपर वाले कमरे में थे — जहाँ कभी हवेली की मालकिन की आत्महत्या हुई थी।
नील ने एक और दरवाज़ा खोला, जो नीचे तहखाने की ओर जाता था।
“मैं बस एक बार देख कर आता हूँ,” वह बोला और समर को ऊपर भेज दिया।
लेकिन नील वापस कभी नहीं आया।
😨 समर की खोज
10 मिनट बाद समर ने सोचा कि नील मज़ाक कर रहा है।
वह नीचे तहखाने में गया।
वहाँ अंधेरे में सिर्फ एक टॉर्च की रोशनी थी — और एक दीवार पर खून से लिखा था:
"तुमने मुझे जगाया है। अब तुम मेरे साथ रहोगे।"
एक कोने में नील की गर्दन उल्टी मुड़ी हुई लाश पड़ी थी।
उसकी आंखें खुली थीं… और उस पर अजीब नीले निशान थे, जैसे किसी चीज़ ने उसे दबोचा हो।
समर चीखता हुआ भागा, लेकिन तभी…
🪞 ऊपर कमरे में रवि और आकाश
रवि उस कमरे में खड़ा था जहाँ दीवार पर एक पुराना, टूटा आईना था।
वो हँसी में बोला, “देख आकाश, मेरी परछाई आईने में नहीं है!”
आकाश मुस्कराया… लेकिन जब उसने दोबारा देखा — आईने में रवि के पीछे एक काली आकृति खड़ी थी।
अचानक आईना फूट गया।
रवि हवा में उठा, और दीवार से टकराकर नीचे गिरा — उसकी मौत वहीं हो गई।
🏃♂️ भागना और बचाव
समर ऊपर दौड़ा और देखा कि आकाश फर्श पर बैठा काँप रहा है।
उसने आकाश को उठाया और दोनों ने बिना पीछे देखे भागना शुरू किया।
जब उन्होंने हवेली के गेट पार किया, तभी पीछे से दरवाज़ा खुद से बंद हो गया।
🪦 अंतिम परिणाम
अगली सुबह पुलिस आई।
हवेली के अंदर रवि और नील की लाशें मिलीं।
लेकिन कोई जबरदस्ती, जानवर, इंसानी हमला या किसी अपराध का निशान नहीं था।
सीसीटीवी कैमरे में जो रिकॉर्ड हुआ, उसमें सिर्फ एक धुंधली परछाई घूमती दिखी — वो इंसान जैसी नहीं थी।
💀 समाप्ति
आज भी समर और आकाश कभी इस घटना के बारे में खुलकर नहीं बोलते।
पर समर ने एक बार एक दोस्त से कहा था:
"मैं जब भी रात को आईना देखता हूँ…
...तो उसमें मुझे कोई और भी देख रहा होता है।"
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चार दोस्त — समर, रवि, नील और आकाश, कॉलेज के आखिरी दिनों में कुछ अलग और दिल दहला देने वाला करना चाहते थे।
इनमें सबसे साहसी था समर, जिसे डर जैसी चीज़ पर विश्वास ही नहीं था। रवि उसका बचपन का दोस्त था, मजाकिया लेकिन तर्कशील।
नील थोड़ा शांत स्वभाव का था, लेकिन रहस्यों से आकर्षित होता था। और आकाश? वह सबसे डरा हुआ, लेकिन अपने दोस्तों के साथ किसी भी पागलपन में कूदने को तैयार।
एक दिन इंस्टाग्राम पर उन्हें एक "चैलेंज वीडियो" मिला।
किसी ने "विजयवाड़ा की परित्यक्त हवेली" में रात बिताने की चुनौती दी थी।
कहा जाता था कि वहाँ कई लोगों की मौतें हुई थीं—कुछ की आत्महत्याएं, कुछ रहस्यमयी गुमशुदगियाँ।
🎯 चुनौती स्वीकार
“चलो, एक रात वहाँ बिताकर वीडियो बनाते हैं,” समर ने कहा, “देखते हैं डर किसमें है।”
बाकी तीनों हँस दिए, लेकिन मन में एक हल्की बेचैनी जरूर थी।
25 जून की रात, वे अपनी गाड़ी से हवेली पहुँचे। हवेली शहर से दूर, एक सुनसान खेतों के बीच स्थित थी।
🏚️ हवेली का पहला दृश्य
जैसे ही चारों ने हवेली की लोहे की कंटीली दरवाज़ी खोली,
एक तेज़ ठंडी हवा का झोंका आया,
और उसके साथ-साथ एक मद्धम सी सिसकी, जो शायद हवा की आवाज़ भी हो सकती थी… या नहीं।
हवेली दो मंजिला थी, दीवारों पर काई जमी थी, और हर कोना जैसे किसी छुपे हुए रहस्य को दबाए बैठा था।
कहीं दीवार पर खून के धब्बे, कहीं उलटे लटके चित्र, और बीच में एक पुराना झूला, जो बिना हवा के भी हिल रहा था।
नील ने मोबाइल से रिकॉर्डिंग चालू की और बोला,
“अगर कोई आत्मा है, तो सामने आओ।”
कुछ सेकंड्स तक सन्नाटा छाया रहा। फिर झूले की आवाज़ और तेज़ हो गई…
⏳ आधी रात – 2:17 AM
समर और नील नीचे के हॉल में वीडियो बना रहे थे।
रवि और आकाश ऊपर वाले कमरे में थे — जहाँ कभी हवेली की मालकिन की आत्महत्या हुई थी।
नील ने एक और दरवाज़ा खोला, जो नीचे तहखाने की ओर जाता था।
“मैं बस एक बार देख कर आता हूँ,” वह बोला और समर को ऊपर भेज दिया।
लेकिन नील वापस कभी नहीं आया।
😨 समर की खोज
10 मिनट बाद समर ने सोचा कि नील मज़ाक कर रहा है।
वह नीचे तहखाने में गया।
वहाँ अंधेरे में सिर्फ एक टॉर्च की रोशनी थी — और एक दीवार पर खून से लिखा था:
"तुमने मुझे जगाया है। अब तुम मेरे साथ रहोगे।"
एक कोने में नील की गर्दन उल्टी मुड़ी हुई लाश पड़ी थी।
उसकी आंखें खुली थीं… और उस पर अजीब नीले निशान थे, जैसे किसी चीज़ ने उसे दबोचा हो।
समर चीखता हुआ भागा, लेकिन तभी…
🪞 ऊपर कमरे में रवि और आकाश
रवि उस कमरे में खड़ा था जहाँ दीवार पर एक पुराना, टूटा आईना था।
वो हँसी में बोला, “देख आकाश, मेरी परछाई आईने में नहीं है!”
आकाश मुस्कराया… लेकिन जब उसने दोबारा देखा — आईने में रवि के पीछे एक काली आकृति खड़ी थी।
अचानक आईना फूट गया।
रवि हवा में उठा, और दीवार से टकराकर नीचे गिरा — उसकी मौत वहीं हो गई।
🏃♂️ भागना और बचाव
समर ऊपर दौड़ा और देखा कि आकाश फर्श पर बैठा काँप रहा है।
उसने आकाश को उठाया और दोनों ने बिना पीछे देखे भागना शुरू किया।
जब उन्होंने हवेली के गेट पार किया, तभी पीछे से दरवाज़ा खुद से बंद हो गया।
🪦 अंतिम परिणाम
अगली सुबह पुलिस आई।
हवेली के अंदर रवि और नील की लाशें मिलीं।
लेकिन कोई जबरदस्ती, जानवर, इंसानी हमला या किसी अपराध का निशान नहीं था।
सीसीटीवी कैमरे में जो रिकॉर्ड हुआ, उसमें सिर्फ एक धुंधली परछाई घूमती दिखी — वो इंसान जैसी नहीं थी।
💀 समाप्ति
आज भी समर और आकाश कभी इस घटना के बारे में खुलकर नहीं बोलते।
पर समर ने एक बार एक दोस्त से कहा था:
"मैं जब भी रात को आईना देखता हूँ…
...तो उसमें मुझे कोई और भी देख रहा होता है।"
समर
सबसे साहसी दोस्त, जो कॉलेज के आखिरी दिनों में एक अद्वितीय अनुभव चाहता था। वह अपने दोस्तों के साथ एक रहस्यमय हवेली में एक नाईट ट्रिप पर गया। समर का चरित्र एक हिम्मतवान और जोखिम उठाने वाला व्यक्ति होता है।
आकाश
एक श्यामस्वभाव वाला दोस्त, जो भी हवेली की यात्रा पर गया। वह अपने दोस्तों के साथ रहने में खुश रहता था। आकाश नील और रवि की मौत से बहुत प्रभावित हुआ, जिससे उसका चरित्र बहुत उदास हो गया।
नील
एक तर्कशील और शांत दोस्त, जो भी हवेली की यात्रा पर गया। वह अपने दोस्तों के साथ रहने का आनंद उठाता था। नील की मौत भी हवेली में हुई, जिससे उसके दोस्तें बहुत प्रभावित हुए।
"मैं तुम्हारे साथ कुछ भी करूँगा… क्या तुम मेरे साथ हो?"
"हाँ, बिल्कुल।"
"तो फिर कुछ ऐसा करें जो हमेशा याद रहे…"
"क्या?"
"जैसे?"
"कुछ तू सोच ले, मैं तैयार हूँ।"
"एक नाईट ट्रिप क्या होगी?"
"अरे वाह!"
"कहाँ जाना है?"
"कहीं भी नहीं… विजयवाड़ा की परित्यक्त हवेली में!"
"वाह…"
"चलो, एक रात वहाँ बिताकर वीडियो बनाते हैं। देखते हैं डर किसमें है।"
"हाँ, यार।"
"मुझे तो बहुत मज़ा आने वाला है।"
"मुझे भी।"
चार दोस्त — समर, रवि, नील, और आकाश।
कॉलेज के आखिरी दिन थे।
उन्हें कुछ ऐसा करना था, जो वे हमेशा याद रखेंगे।
एक दिन इंस्टाग्राम पर उन्हें एक चैलेंज वीडियो मिला।
किसी ने कहा था, "विजयवाड़ा की परित्यक्त हवेली में रात बिताओ।"
कहते हैं उस हवेली में 20 सालों में 15 लोगों की मौत हुई थी।
मैं अपनी कार से उस हावेली के सामने रुकता हूँ।
हेडलाइट्स से रोशन होती हुई रास्ते की दीवार पर लगे लोहे के जंग लगे दरवाजे खुलते हैं।
मेरे पीछे-पीछे रवि और नील भी अपनी गाड़ी से उतरते हैं।
आकाश मेरी गाड़ी में बैठा था।
"भाई, तुम्हारी कार बहुत अच्छी है," आकाश मुझसे कहता है।
"क्या करें? हमारा पापा तो व्यापारी हैं," मैं आकाश से मजाक में कहता हूँ।
रवि और नील हमारी बातें सुनकर हंसने लगते हैं।
"भाई, तुम्हारा पापा तो बहुत बड़े व्यापारी हैं।"
"चलो भाई, अब हमें अंदर जाना चाहिए," मैं उन्हें कहता हूँ।
मैं अपनी गाड़ी का ट्रंक खोलता हूँ और हम सब अपनी-अपनी रucksack और कैमरा निकालते हैं।
रवि और नील भी अपनी-अपनी गाड़ियों का ट्रंक खोलकर अपना-अपना सामान निकालते हैं।
हम सब अपना-अपना सामान लेकर उस हवेली के अंदर जाने लगते हैं।
रात का समय था।
शाम को 7:00 बज रहे थे।
हम सब हवेली के अंदर जाने के लिए तैयार थे।
मैं अपना फोन निकालता हूँ और वीडियो बनाना शुरू करता हूँ। "नमस्कार दोस्तों, आज हम यहाँ विजयवाड़ा की परित्यक्त हवेली में रात बिताने आए हैं। यहाँ 20 सालों में 15 लोगों की मौत हुई थी।"
हमारे कदमों की आवाज़ हवेली के सन्नाटे को चीरती हुई गूंजने लगी।
मैं अपने फोन की फ्लैशलाइट को ऑन करके हम सबको आगे बढ़ने का रास्ता दिखाता हूँ।
हवेली के बाहर लगे लोहे के जंग लगे दरवाजों को मैं धीरे-धीरे खोलता हूँ।
दरवाजों के खुलने से एक अजीब सी आवाज़ निकलती है।
हम सब उसकी आवाज़ सुनकर थोड़ा डर जाते हैं।
मैं अपना फोन लेकर आगे बढ़ने लगता हूँ और पीछे-पीछे रवि, नील और आकाश भी बढ़ने लगते हैं।
आसमान में चाँद नहीं था, इसलिए अंधेरा बहुत ज्यादा था।
हवेली के अंदर जाने के लिए हमें एक रास्ता ढूंढना पड़ता है।
रास्ता बहुत ही खराब है, जिस पर चलना बहुत मुश्किल है।
रवि एक बार गिर जाता है और चोटिल हो जाता है।
"भाई, यह रास्ता तो बहुत ही खराब है," रवि मुझसे कहता है।
"अरे, तुम्हें पता नहीं था कि यहाँ इतनी खराब रास्ता होगा।"
"भाई, तुम्हें तो पता था, फिर भी तुमने हमें बताया नहीं।"
"अरे, तुम्हें पता नहीं था, तो तुम यहाँ क्यों आए?"
"भाई, तुम्हारी वजह से।"
"अच्छा, चलो, अब आगे बढ़ो।"
हम सब आगे बढ़ने लगते हैं और हवेली के अंदर जाने की कोशिश करते हैं।
हवेली की दीवारों पर लगी खिड़कियाँ बंद थीं और उनकी खुली खिड़कियों से हवा निकल रही थी।
जैसे ही हम आगे बढ़ते हैं, एक तेज़ हवा का झोंका आता है और हमारे सिर के ऊपर लगा चandelier जोर से हिलता है।
मैं रुक जाता हूँ और अपनी फ्लैशलाइट को ऊपर की ओर करता हूँ।
चमकती हुई रोशनी में मैं देखता हूँ कि चैंडेलियर के नीचे से धूल और छोटे-छोटे टुकड़े गिर रहे हैं।
आकाश को खांसी आ जाती है और वह अपना मुंह ढक लेता है।
मैं ध्यान से देखता हूँ कि चैंडेलियर के नीचे से निकलने वाली धूल और टुकड़ों के बीच में छोटे-छोटे दरारें दिखाई देती हैं।
जैसे ही मैं उन दरारों को देखता हूँ, अचानक एक गहरी गड़गड़ाहट की आवाज़ आती है।
मैं समझ जाता हूँ कि यह खतरनाक स्थिति हो सकती है।
मैं तुरंत रवि को धक्का देता हूँ और आकाश तथा नील भागकर पीछे हट जाते हैं।
उस समय एक बड़ा पत्थर ऊपर से टूटकर गिरता है और वहाँ गिरता है जहाँ अभी-अभी हम खड़े थे।
उस पत्थर के गिरने से वहाँ धूल-धक्कड़ उठती है और हमें दिखाई देना बंद हो जाता है।
कुछ समय बाद जब धूल-धक्कड़ शांत होती है, तो मैं सबको लेकर आगे बढ़ने लगता हूँ।
हम सब एक संकरे रास्ते से गुजरते हैं और अंत में एक बड़े हॉल में पहुँच जाते हैं।
हॉल की दीवारें पत्थर की बनी हुई थीं और उन पर मौसम के कारण मौस निकल आया था।
हॉल की फर्श पर लगा मार्बल अब टूट-फूट गया था और उसके टुकड़े इधर-उधर बिखर गए थे।
हम सब अपने-अपने कदमों से उस टूटी-फूटी फर्श पर चलते हुए आगे बढ़ते जाते हैं।
जैसे ही हम उस हॉल में प्रवेश करते हैं, अचानक एक ठंडी हवा का झोंका आता है और हम सबको ठंड लगने लगती है।
उस ठंडी हवा के साथ-साथ हमें एक अजीब सी आवाज़ भी सुनाई देती है, जो हमें समझ नहीं आती।
मैं उस आवाज़ को ध्यान से सुनने की कोशिश करता हूँ, तो वह आवाज़ एक छोटी-सी बच्ची की रोने जैसी लगती है।
मैं समझता हूँ कि यह शायद हवा की आवाज़ होगी, लेकिन आकाश मेरा हाथ पकड़कर मुझसे कहता है, "भाई, तुम्हें यह आवाज़ सुनाई दे रही है?"
मैं आकाश को देखता हूँ और कहता हूँ, "हाँ, यह आवाज़ तो बहुत अजीब लग रही है।"
आकाश मुझसे कहता है, "भाई, तुम्हें यहाँ दीवार पर लगा खून दिख रहा है?"
आकाश की बात सुनकर मैं दीवार की ओर देखता हूँ और वहाँ लगे खून के धब्बों को देखता हूँ।
मैं अपने फोन की फ्लैशलाइट को दीवार की ओर करता हूँ और उसके नीचे पड़े खून के धब्बों को देखता हूँ।
उस खून के धब्बों में से एक धब्बा मुझे बहुत बड़ा लगता है और वह धब्बा मुझे एक अजीब सी तरह से चमकता हुआ लगता है।
मैं उस धब्बे को ध्यान से देखता हूँ, तो वह धब्बा मुझे एक व्यक्ति के खून से लगने लगता है।
मैं समझ जाता हूँ कि यहाँ शायद कोई व्यक्ति मर गया होगा।
मैं आकाश और रवि को देखता हूँ और कहता हूँ, "भाई, यहाँ शायद कोई व्यक्ति मर गया होगा।"
आकाश और रवि मुझसे कहते हैं, "भाई, तुम्हें यहाँ दीवार पर लगा खून दिख रहा है?"
मैं आकाश और रवि को देखता हूँ और कहता हूँ, "हाँ, यह खून तो बहुत अजीब लग रहा है।"
आकाश और रवि मुझसे कहते हैं, "भाई, तुम्हें यहाँ दीवार पर लगा खून दिख रहा है?"
मैं आकाश और रवि को देखता हूँ और कहता हूँ, "हाँ, यह खून तो बहुत अजीब लग रहा है।"
हम सब अपने-अपने फोन से उस खून की तस्वीरें लेते जाते हैं और वहाँ से आगे बढ़ने लगते हैं।
जैसे हम आगे बढ़ते जाते हैं, हमें एक अजीब सी आवाज़ सुनाई देती है, जो हमें समझ नहीं आती।
मैं उस आवाज़ को ध्यान से सुनने की कोशिश करता हूँ, तो वह आवाज़ एक छोटी-सी बच्ची की रोने जैसी लगती है।
मैं समझता हूँ कि यह शायद हवा की आवाज़ होगी, लेकिन आकाश मेरा हाथ पकड़कर मुझसे कहता है, "भाई, तुम्हें यह आवाज़ सुनाई दे रही है?"
मैं आकाश को देखता हूँ और कहता हूँ, "हाँ, यह आवाज़ तो बहुत अजीब लग रही है।"
आकाश मुझसे कहता है, "भाई, तुम्हें यहाँ दीवार पर लगा खून दिख रहा है?"
आकाश की बात सुनकर मैं दीवार की ओर देखता हूँ और वहाँ लगे खून के धब्बों को देखता हूँ।
मैं अपने फोन की फ्लैशलाइट को दीवार की ओर करता हूँ और उसके नीचे पड़े खून के धब्बों को देखता हूँ।
उस खून के धब्बों में से एक धब्बा मुझे बहुत बड़ा लगता है और वह धब्बा मुझे एक अजीब सी तरह से चमकता हुआ लगता है।
मैं उस धब्बे को ध्यान से देखता हूँ, तो वह धब्बा मुझे एक व्यक्ति के खून से लगने लगता है।
मैं समझ जाता हूँ कि यहाँ शायद कोई व्यक्ति मर गया होगा।
आकाश और रवि मुझसे कहते हैं, "भाई, तुम्हें यहाँ दीवार पर लगा खून दिख रहा है?" मैं आकाश और रवि को देखता हूँ और कहता हूँ, "हाँ, यह खून तो बहुत अजीब लग रहा है।"
रवि धीरे से कहता है, "यहाँ कुछ तो गड़बड़ है, भाई।"
मैं चिंतित होकर जवाब देता हूँ, "हमें यहाँ से जल्दी निकलना चाहिए, इससे पहले कि कुछ और हो जाए।"
आकाश सहमति में सिर हिलाते हुए कहता है, "लेकिन हमें इस जगह की सच्चाई भी जाननी होगी, वरना ये आवाज़ें हमें चैन से नहीं रहने देंगी।"
मैं नील के पीछे चलता हूँ, जो हमें एक अंधेरी सीढ़ी की ओर ले जाता है।
सीढ़ी धीरे-धीरे नीचे जाती है, और मेरी फ्लैशलाइट की रोशनी दीवारों पर पड़ती है, जिससे वहाँ एक अजीब सा भूतिया माहौल बन जाता है।
हवा में ठंड बढ़ती जाती है और हमारे साथ-साथ चल रही आवाज़ें भी तेज होती जाती हैं।
मैं अपने दिल को शांत करने की कोशिश करता हूँ, लेकिन मेरा दिल तेजी से धड़कने लगता है।
जैसे हम नीचे पहुँचते हैं, वहाँ एक बड़ा सा दरवाज़ा आता है, जो बंद होता है।
नील दरवाज़े को खोलता है और हम सब उसके पीछे-पीछे चलते जाते हैं।
दरवाज़े के अंदर एक बड़ा सा कमरा आता है, जिसमें एक छोटी-सी मेज़ और उस पर रखी एक पुरानी-सी किताब दिखाई देती है।
किताब खुली पड़ी होती है और उसके पन्नों पर अजीब-अजीब तरह के चित्र बने होते हैं।
मैं उस किताब को ध्यान से देखता हूँ, तो वहाँ एक चित्र मुझे बहुत अजीब लगता है।
उस चित्र में एक व्यक्ति दिखाई देता है, जिसकी आँखें बाहर निकल आई थीं और उसका मुंह खुला पड़ा था।
मैं आकाश को देखता हूँ, तो वह मुझसे कहता है, "भाई, तुम्हें यह चित्र दिख रहा है?"
मैं आकाश को देखता हूँ और कहता हूँ, "हाँ, यह चित्र तो बहुत अजीब लग रहा है।"
आकाश मुझसे कहता है, "भाई, तुम्हें लगता है कि यहाँ कुछ भूतिया गतिविधि हो रही है?"
मैं आकाश को देखता हूँ और कहता हूँ, "हाँ, यहाँ तो कुछ भूतिया गतिविधि जरूर हो रही है।"
आकाश मुझसे कहता है, "भाई, हमें यहाँ से जल्दी निकलना चाहिए।"
मैं आकाश की बात सुनकर उस कमरे से बाहर निकलता हूँ और वहाँ से आगे बढ़ने लगता हूँ।
जैसे मैं आगे बढ़ता जाता हूँ, मुझे रवि की आवाज़ सुनाई देती है, जो मुझे ऊपर की ओर आती लगती है।
मैं अपनी फ्लैशलाइट की रोशनी को ऊपर की ओर करता हूँ और वहाँ एक पुराना-सा कमरा दिखाई देता है, जिसमें एक बड़ा-सा दरवाज़ा आता है।
दरवाज़े पर खड़े रवि ने मुझे आवाज़ लगाई.
"अरे, भाई! तुम यहाँ आओ! तुम्हें यह देखना चाहिए!"
मैं उसकी आवाज़ सुनकर ऊपर भागता जाता, मेरी फ्लैशलाइट की रोशनी दीवारों पर पड़ती जाती।
जैसे मैं ऊपर पहुँचता, वहाँ एक पुराना-सा कमरा आता, जिसमें धूल जम गई थी।
कमरे के अंदर रवि खड़ा था, उसकी आँखें चमक रहीं थीं।
रवि उत्सुकता से कहता है, "यहाँ एक और किताब है, और इसमें कुछ लिखा हुआ है।"
मैं किताब की ओर बढ़ते हुए पूछता हूँ, "क्या लिखा है उसमें?"
रवि धीरे-धीरे पढ़ते हुए कहता है, "यहाँ लिखा है कि इस जगह पर एक रहस्यमयी घटना हुई थी, जिसमें कई लोग गायब हो गए थे।"
मैं रवि के पीछे चलता हूँ, जो कमरे के अंदर एक पुराने-से मिरर के सामने खड़ा होता है।
रवि मिरर की ओर देखते हुए कहता है, "अरे, भाई! तुम्हें देखो, मेरी छाया इस मिरर में नहीं दिख रही है!"
मैं उसकी बात सुनकर मुस्कराते हुए कहता हूँ, "यह तो बहुत अजीब बात है, रवि।"
लेकिन जब मैं फिर से उस मिरर की ओर देखता हूँ, तो वहाँ एक अजीब-सी छाया दिखाई देती है, जो रवि के पीछे खड़ी थी।
मैं उस छाया को ध्यान से देखता हूँ, तो वह छाया एक व्यक्ति की तरह लगती है, जिसकी आँखें लाल-लाल थीं और उसका चेहरा बहुत भयानक लग रहा था।
मैं उस व्यक्ति को ध्यान से देखता हूँ, तो वह व्यक्ति धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगता है और रवि को पकड़ लेता है।
उस व्यक्ति ने रवि को उठाकर दीवार पर पटक दिया, जिससे रवि बेहोश हो गया।
मैं रवि की मदद करने के लिए दौड़ता हूँ, लेकिन मैं उस व्यक्ति को नहीं देख पाता।
मैं रवि को उठाकर उसकी आँखें खोलता हूँ, तो वह धीरे-धीरे होश में आता है।
मैं आकाश को देखता हूँ और कहता हूँ, "आकाश, तुम रवि के साथ यहाँ रुक जाओ, मैं नील को ढूंढने जा रहा हूँ।"
आकाश मेरी बात सुनकर मुझे आश्वस्त करता है, "ठीक है, भाई। हम यहाँ इंतजार करेंगे।"
मैं नील को ढूंढने के लिए नीचे जाता हूँ, लेकिन वहाँ नील नहीं मिलता।
मैं उसके लिए आवाज़ लगाता हूँ, लेकिन वहाँ से कोई जवाब नहीं आता।
मैं चिंतित होते हुए फिर से ऊपर जाता हूँ और आकाश से कहता हूँ, "आकाश, नील कहाँ गया? मैं उसे ढूंढने गया था, लेकिन वह नहीं मिला।"
आकाश मेरी बात सुनकर कहता है, "भाई, हमें यहाँ से जल्दी निकलना चाहिए। यह जगह बहुत खतरनाक लग रही है।"
मैं आकाश की बात सुनकर कहता हूँ, "लेकिन हमें नील को ढूंढना होगा। वह हमारा दोस्त है।"
आकाश मेरी बात सुनकर कहता है, "ठीक है, भाई। हम नील को ढूंढने जाएंगे।"
हम दोनों नील को ढूंढने के लिए नीचे जाते हैं, लेकिन वहाँ से भी हमें नील नहीं मिलता।